हरामी टेलर
एक चुदाई की प्यासी औरत किसी भी हद तक जा सकती है। लौड़े की महक ही उसकी चूत सुलगाने के लिए काफी होती है। ऊपर से मेरी माँ को तो वो कमीना टेलर सेड्युस और कर रहा था वो भी मेरे वहां होते हुए.. एक hot tailor sex story पढ़िए..
दोस्तों मेरा नाम मिहिर है और मैं राजस्थान के एक शहर बीकानेर का रहने वाला हूँ मेरे घर मैं पांच लोग रहते है मैं मेरा बड़ा भाई और बड़ी बहिन और मेरे मम्मी-पापा मेरे पापा एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करते है और अक्सर काम के सिलसिले में बाहर ही जाते रहते थे और मेरा भाई भी दूसरे शहर में रहकर पढ़ रहा था और मेरी बहिन की शादी हो चुकी थी अब हमारे घर में मेरी माँ और मैं ही रहते थे मेरी माँ का नाम शीला है उनकी उम्र 38 साल की है और उनका रंग एकदम गोरा है और उनके फिगर के बारे में तो पूछो ही मत 38 साल की उम्र में भी उन्होंने अपने फिगर को बहुत अच्छी तरह से संभाल रखा था दोस्तों फिर भी मैं आपको बता देता हूँ कि उनका फिगर 36-32-38 का है क्योंकि नहीं बताना तो उनके फिगर की तौहीन होगी हमारी कॉलोनी के सभी अंकल उनकी मटकती हुई गांड को ही घूरते रहते है मैनें भी मेरी माँ को नहाते समय आधा नंगा तो देख ही लिया था पर पूरा नंगा देखने का कभी मौका ही नहीं मिला वह अधिकत्तर साड़ी ही पहनती है सीधे शब्दों में कहें तो वह एकदम मस्त माल है।
अब मैं सीधे आज की अपनी कहानी पर आता हूँ जो एक सत्य घटना है…
यह बात आज से लगभग दो साल पहले की है जब मैं 11 वीं में पढ़ता था तब मेरी माँ अक्सर एक टेलर के पास जाया करती थी जो हमारे घर से थोड़ा दूर था लेकिन था एकदम सुनसान जगह पर एकबार उस टेलर ने मेरी माँ का ब्लाउज थोड़ा सा ढीला सिल दिया था उस बात पर माँ को बहुत गुस्सा आया और मुझसे बोली कि
माँ :- देख बेटा इस बार भी इस गिरीश के बच्चे ने मेरा ब्लाउज ढीला सिल दिया है।
मैं :- माँ थोड़ा-सा ही तो अंतर है वैसे भी ज्यादा ढीला तो नहीं है पर मेरी माँ का गुस्सा सातवें आसमान पर था।
माँ :- उससे क्या होता है ढीला है तो ढीला है अभी जाती हूँ उसके पास और उसकी खबर लेती हूँ।
मैं :- ठीक है माँ जैसी आपकी मर्ज़ी इतना बोलकर माँ मुझे भी अपने साथ लेकर उस टेलर के पास चली गई।
20 मिनट में हम उस लेडिस टेलर की दुकान पर पहुँच गए तो देखा कि दुकान में कोई भी नहीं था और वह टेलर अकेला ही था तब माँ ने उसे अपना ब्लाउज दिखाया और उसे खूब डाँटा तो फिर उसने माँ से कहा कि आप एकबार अंदर जाकर इसे पहनकर बाहर आकर दिखाओ तो फिर माँ अंदर चली गई और मैं बाहर ही बैठा था फिर माँ जब बाहर आई तो उसे अपना ब्लाउज दिखाने लगी तो उसने माँ की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया ब्लाउज को देखने के लिए माँ का ब्लाउज वैसे तो गहरे गले का था जिसमें से उनके आधे बब्स तो साफ़ दिख रहे थे जिसे देखकर उस टेलर का भी लंड खड़ा हो गया था जो उसकी पेन्ट के उभार से साफ दिख रहा था और फिर उसने माँ से हँसते हुए कहा कि
टेलर :- भाभीजी आप मेरे साथ अंदर चलो मैं आपका ब्लाउज एकदम सही कर देता हूँ।
माँ :- अन्दर कैसे करोगे सही? तुम्हारी मशीन तो बाहर ही है
टेलर :- अरे भाभीजी इसके लिए तो मेरे हाथ ही काफ़ी है आपके दबा-दबाकर बड़े करूँगा तो ब्लाउज अपने आप ही एकदम फिट हो जाएगा।
माँ :- गुस्से से क्या कहा तुमने…?
टेलर :- अरे भाभीजी मेरा मतलब एक मशीन अंदर भी रखी है।
माँ :- सही तो हो जाएगा ना एकदम
टेलर :- हाँ भाभीजी एकदम पूरा सही हो जाएगा।
फिर माँ उसके साथ अंदर चली गई और अंदर जाकर थोड़ी देर में उसने माँ की साड़ी का पल्लू फिर से नीचे कर दिया अब माँ के फिर से आधे बब्स उसके सामने थे।
टेलर :- भाभीजी आप अंदर ब्रा तो पहनती हो ना?
माँ :- हाँ पहनती हूँ पर उससे तुम्हारा क्या मतलब है?
टेलर :- ठीक है तो अब आप अपना यह ब्लाउज उतार दो
माँ :- नहीं उतारूंगी और क्या तुम पागल हो क्या?
फिर थोड़ी देर की ना नुकर के बाद माँ भी मान गई थी।
और फिर जब माँ ने अपना ब्लाउज उतारा तो उस टेलर की आँखें तो फटी की फटी ही रह गई माँ के एकदम गोरे बदन पर काले रंग की ब्रा को देखकर और फिर वह मेरी माँ से बोला कि
टेलर :- भाभीजी आप तो बहुत ही सुंदर हो आपका पति तो कोई किस्मत वाला ही होगा।
माँ :- हँसते हुए टेलर से बोली कि तुम्हारा धन्यवाद पर मेरे पति अपने काम के चक्कर में ज्यादातर बाहर ही रहते और मेरी रातें खाली ही कट रही है।
टेलर :- यह तो बहुत ग़लत बात है अगर आप मेरी बीवी होती तो मैं तो आपको रोज़ रात में…
माँ :- रोज़ रात में क्या?
टेलर :- अरे कुछ नहीं भाभीजी अब क्य, पर उनको यह नहीं पता था की मैं उनकी चुदाई को ही देख रहा था टीवी को नहीं फिर थोड़ी देर बाद उसका लंड फिर से खड़ा हो गया और वह फिर से माँ के ऊपर चढ़ गया था।
माँ :- तुम तो कर तो चुके हो जो तुम्हें करना था और अब कितना और करोगे. छोड़ दो मुझे प्लीज़ मैं एक शादीशुदा औरत हूँ।
टेलर :- अरे भाभीजी यह तो अभी बस शुरुआत ही है इतना बोलकर उसने फिर से माँ की चूत में अपना लंड डाल दिया।
माँ :- आआहह उउउफफफ उईईईइ ग्ग्गिरीश छोड़ दो मुझे प्लीज़
पर वह भी कहाँ सुनने वाला था वह तो और जोर-जोर से माँ को चोदे जा रहा था उसने कम से कम माँ के साथ 2 घंटे तक चुदाई करी थी और इस बीच उसने माँ को लगभग 4 बार तो चोदा ही होगा।
और अब माँ ने उससे कहा कि अब तो मुझे जाने दो तो वह बोला कि अरे भाभीजी तुम्हारी जिस चीज़ पर हर कोई मरता है अभी उसे तो चोदा ही नहीं है।
माँ :- फिर डरते हुए बोली कि अरे गिरीश प्लीज़ तुम चाहो तो रोज़ मेरे घर पर आकर मुझे चोद सकते पर प्लीज़ मेरी गांड को मत मारो मेरी गांड तो मैनें अपने पति तक को भी नहीं मारने दी है प्लीज़ मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ पर वह कहाँ सुनने वाला था उसने माँ के गाल पर दो थप्पड़ मारे और उसे उल्टा पलट दिया और अपनी मशीन का तेल माँ की गांड में डाल दिया और फिर अपना लंड एक ही झटके में डाला तो उसका आधा ही लंड माँ की गांड में गया था और माँ रो रही थी और उनकी आँखों से आंसू आ रहे थे।
फिर थोड़ी ही देर बाद उसने एक झटका और मारा और अब उसका लंड पूरा का पूरा ही माँ की गांड में घुस गया था माँ बहुत बुरी तरह से चीख रही थी और उसने अब माँ की गांड मारना शुरू कर दिया और 15 मिनट तक माँ की गांड को मारता रहा और अब माँ भी अपनी गांड को आगे-पीछे करके चुदाई का मज़ा ले रही थी और उसके मुहँ से आअहहह.. ऊऊउ.. ईईए.. की जैसी आवाजे आ रही थी और फिर टेलर ने जोर-जोर से धक्के मारकर अपना सारा रस माँ की गांड में ही छोड़ दिया और फिर उसने माँ की गांड को किस किया और रात के 8 बजे उसने माँ को छोड़ा और उनको कपड़े पहनाए फिर वह दोनों बाहर आये तो माँ ठीक से चल भी नहीं पा रही थी तो उसने अपनी गाड़ी से माँ को और मुझको घर तक छोड़ दिया और फिर मैनें घर पर आकर अपने खड़े लंड को भी बाथरूम में जाकर के मूठ मारकर लंड को शांत किया।
अब वह टेलर रोज़ घर पर आने लगा था और माँ को कभी उनकी मर्ज़ी से तो कभी बिना मर्जी के ही उनको चोदता था और गांड भी खूब मारता था।
———–समाप्त———-
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