बस का सफ़र
बस में अकेले सफ़र करना वैसे तो बहुत नीरस होता है पर अगर किस्मत मेहेरबान हो तो ऐसा हमसफ़र मिल जाता है की वो सफ़र हमेशा के लिए यादगार बन जाता है. किस्मत की मेहरबानी की ऐसी ही एक journey sexy story पढ़िए..
मेरा नाम वरुण हे और में सोलापुर का रेहने वाला हूँ. मेरी उम्र ३१ साल हे और मेरिड हूँ. मेरी हाईट ५’९ की हे और वेट ७०kg हे ना स्लिम ना नार्मल बोडी हे. और मेरा लंड साइज ५ का हे मीडियम साइज. तो अब स्टोरी पे आता हूँ. ये बात २ साल पेहले की हे जब में एक कम्पनी में काम करता था. और मुझे अक्सर काम के सिलसिले में पुणे आनाजाना रहता था तो एक दिन शाम को में पुणे जाने के लिए सोलापुर बसस्टैंड पे पहोचा और ४ बज रहे थे. और दिन ठण्ड के थे. तो में सोच रहा था की जल्दी निकलू और ज्ल्दि९ पहोंचू लेकिन किस्मत में जल्दी निकलना नही लिख्खा था. क्यू की जो भी बस आती पूरी भर के आती और खड़े होक जाना पोसिबल नही था. क्यू की सफ़र बहोत लम्बा था.
थोड़ी देर बाद एक बस आई पुरे बस में ४ लास्ट रो में एक ही सिट खली थी और एक मेरिड औरत बेठी थी. विंडो सिट पर सलवार कमीज पहनी थी उसने और स्कार्फ बाँधा था उसने वो होगी शायद ३०-३२ साल की उसने उसका हेवी बेग रख्खा था उसकी बगल वाली सिट पर तो मेने रिक्वेस्ट की की प्लीज् आप आपका बेग निचे रखिये या फिर उपर ताकि सिट खाली हो जाए. और मुझे बेठने के लिए जगह भी मिल जाए.
पहले उसने ना कहा लेकिन बस में दूसरी कोई भी सिट खली नही थी. और कोदुक्टेर ने भी बोला था इस लिए उसने उसका बेग पेरों के पास रख्खा. और मुझे बेठ ने के लिए जगह मिल गयी. जगह मिल गयी सही लेकिन हम दोनों भी बेठ ने के बाद कम्फर्टेबल नही थे. क्यू की उसने जो बेग पेरो के पास रख्खा था इस वजह से वो धिस के बेठ नही पा रही थी. उसके दोनों पैर बेग के दोनों बाजु को थे और बेग बड़ा होने की वजह से उसके थाईज़ ऑलमोस्ट मेरे थाईज़ को टच कर रहे थे तो इस लिए में भी अन्कमफरटेबल फिल कर रहा था.
बस छूटने के थोड़ी देर बाद मेने उसको बोला की आपका बेग एडजस्ट करलोअगर आपको बेठ ने को दिक्कत हो रही हे तो उसने हलके से गुस्से में कहा की वो बेग को हिला भी नही सकती. तो मेने उनकी हेल्प करदी और उनका बेग ठीक रख दिया. अब हम दोनों भी थोड़े रिलैक्स हो के बेठे गए और वो बोली भी नही. पर उसके चेहरे पर लिख्खा था थैंक्स. बस ५;३० बजे निकली थी और एक घंटे बाद दो स्टेसन जा चुके थे. और बस मेसे बहोत से पेसंजर उतर चुके थे. जो हमारे पीछे बेठे थे वो आगे बेठने के लिए निकल गए थे. और उस वक्त हाइवे का काम चालू था इस लिए पीछे सर्फ जिनको जगह नहीं मिली थी वाही लोग बेठे थे. और वो भी एक एक करके जेसे भी जगह हो वेसे आगे बेठ रहे थे. और कुछ देर बाद अँधेरा होने लगा. ओ मेने नोटिस किया की अब बस की सबसे लास्ट हम दोनों बेठे थे और बाकी सारे लोग आगे ठण्ड के कारण मेने स्वेटर पहेन लिया और स्वेटर पेहेनते वक्य मेरी कोनीउसे टच किया था लेकिन उसने कुछ कहा नही और न ही वो सरक के बेठी.
फिर उसने भी उसकी साल निकली और लपेट के बेठ गयी. अभी तक एसा कुछ भी नही हुआ था. की हमारी इंटेंसन चेंज हो जाए लेकिन एक जगह पर काम की वजह से बहोत सारे घद्दे थे तो हमारा टकराना तो बनता था और हम थोडा सा करीब आ गए. वो कुछ नही बोली लेकिन करीब आने के कारन हमारी थिंग आपस में टकराने लगी. और में हॉट हो रहा था. लेकिन सोचा यार ये औरत अनजानी हे पता नही क्या रिएक्ट करेगी. इसी लिए मेने अपना असली रंग दिखाया नही था और एक अच्छे आदमी तरह बता था थोड़ी देर में और एक स्टेसन क्रोस हो गया. और फिर लगभग आधा यानी ३ घंटे का सफर पूरा हो चूका था और बहार पूरा अँधेरा था बस चाय पानी के लिये रुक गई तो मेने जेंटली पूछा की आप चाय लोगे…? ठण्ड की वजह से उसे भी चाय की जरूरत थी तो उसने हां कहा और बोली की आप आगे जाओ में एक मिनट में आती हूँ तो में आगे निकल गया और होटल में जाके बेठ गया और कुछ ही देर में वो सामने से आती हुई दिखाई दी.
रूहानी जिस्म की मालकिन
उसने साल बस में ही रख दी थी और अब तक मेने उसको ठीक से देखा नही था सिर्फ चेहरा देखा था. वो शायद ३०-३२ साल की लग रही थी. और ५’४ की हाईट और स्लिम ३०-२८-३० रहेगा उसका फिगर और काफी खुबसूरत थी एसा लग रहा था की शादी नही हुई होगी लेकिन गले में मंगलसूत्र चीख चीख के कह रहा था की उसकी शादी हो चुकी हे. चाय पिते वक्त मेरे इंटेंसन चेंज होने लगे और सोचा इसको मन लिया जाए क्यू की अभी भी ३ घंटे का सफर बाकी हे तो इतने में बहोत कुछ हो सकता हे.
तो में फिर उसे ही देख रहा था और उसने नोटिस किया और पूछा क्या देख, और जहा जहा से हाथ खोलने का मोका मिलता में वही हाथ घुसा देता और बूब्स दबाता और वो गरम हो रही थी. मेने अब हाथ उसके पीछे से लिया कमीज के अन्दर डाल दिया और अब में उसके बूब्स को डायरेक्टली टच कर रहा था. कभी कभी उसके उभरे हुए निपल निचोड़ता था और निचे पेरो का आपस में खेलना तो जरी था वो पूरी गरम हो चुकी थी क्यू की पिछले ६ साल शायद ही किसी मर्द ने उसे हाथ लगाया होगा. इसी लिए वो जल्दी जल्दी अनकंट्रोल होती जा रही थी और फिर में रुक गया तो उसने आँखों से ही सवाल पूछा रुक क्यू गये….? तो मने उसकी आँखों में आँखे डालते हुए अपना हाथ उसकी गर्दन के पीछे लिया और गर्दन को पकड़ के उसका चेहरा अपने करीब लाया तो वो समज गयी और उसने अपनी आँखे बंद करदी और फिर हमने एक बहोत ही बढ़िया सी किसिंग सुरु करदी. वो बहोत अच्छे से रिस्पोंस कर रही थी.
और धीरे धीरे मेने दूसरा हाथ उसके बूब्स के उपर से उसके जांगो पर रख दिया और धीरे धीरे उसकी जांगो को रब करने लग. तो वो आउट ऑफ़ कंट्रोल हो रही थी और उसने मेरा मुह और जोर से दबाया और किस और भी पैशनेट हो गयी धीरे धीरे में उसके मेन पॉइंट तक बढ़ रहा था. वेसे वेसे वो और भी ज्यादा गरम हो रही थी. तो फिर मेने सलवार के उपर से ही उसकी चूत को सहलाना सुरु कर दिया. ओर उसने आँखे बंद कर ली थी और सिसकिया ले रही थी तो मेने थोडा प्रेसर देके उसकी चूत सलवार के उपर से ही रगड़ना सुरु कर दिया. तो वो मस्त हो चुकी थी और सिर्फ एन्जॉय कर रही थी पर फिर अचानक से वो अकाद गयी और झड गयी मुझे मेरे हाथ को गिला महसूस हो रहा था तो फिर उसने काफी सटिसफेक्सन से मेरी तरफ देखा तो मेने कहा और चाहिए…? तो उसने कुछ कहा नही लेकिन उसकी साल निकाली और लपेट ली लेकिन साल की एक कोनी मेरे हाथ में देते हुए कहा की ठंड बहोत हे तुम भी साल के अन्दर आ जाओ. तो में बहोत खुस हुआ और साल को लपेट लिया और उसको चिपक के बेठ गया. और ठण्ड जेसे भाग ही गयी. क्यू की वो अभी भी बहोत ही गरम थी.
लेकिन सरप्राइज अभी बाकी था तो अब उसकी बारी थी तो उसने भी कुछ कमी नहीं छोड़ी अब वो मेरे पैर के उपर सर रख के सो गयी थी मुझे लगा की सेटीसफाय हुई और शायद सोएगी. लेकिन उसने अपने हाथ का जलवा दिखाना चालू कर दिया और अपने हाथ से मेरे पेरो को ओ जांगो को सहलाने लगी. और मेरा आल रेडी खड़ा था तो उसने मेरी पेंट क्जिप खोलके मेरे सामन को खुल्ला कर दिया और उसको सहलाने लगी थोड़ी देर सहलाने के बाद अचानक से लाईट जल गयी और वो उठ गयी बस पुन के नजदीक पहोंच गयी थी. और २ सेकंड में लास्ट स्टॉप आ गया था. शायद आधे घंटे का सफर बाकी था. तो में थोडा नाराज हो गया था क्यू की में अभी खली नही हुआ था. लेकिन मन में सोचा की चलो यार जो भी जितना मिले उतने से गुजारा करलेगे और होटल में जाकर हाथ से ही काम चला लेगे फिर वो फोन पे बात कर रही थी शायद उसने उसके दोस्त को बुला लिया था. बस स्टेंड पे और फोन रखने के बाद उसने मेरी तरफ देखा.
मेरे चेहरे से नाराजी छलक रही थी तो उसने हल्के से कहा अभी आधा घंटा बाकी हे मेरे दोस्त तो में सक हो गया और बस की लाईट फिर से ऑफ हो गयी और वो फिर से उसी पोजीशन में आ गयी. अब देर ना करते हुई डायरेक्टली उसने मेरा सामन मुह में ले लिया और में तो चोक गया जेसे भूके को बटनान मिल जाए तो क्या बात हो और पुरे १५ मिन्स्ट वो मेरा चुस्ती रही. फिर मेने कहा की में झड़ने वाला हूँ पर उसने कुछ नही कहा और वो बस मेरा लंड और जोर से चूसने लगी और में झड गया और मेरा सारा माल उसने अपने मुह में ले लिया पर उसने निगला नही खिड़की के बहार थूक दिया तो में भी अब खुस था फिर हमने फोन नम्बर्स एक्सचेंज किये और पुणे में उतर गए
———–समाप्त———–
Comments
Post a Comment