ऑफिस की अकेली लड़की
मेरा नाम आयशा है मेरी उम्र 19 साल है। इस साईट पर मैंने कई लोगों के सेक्स अनुभव पढ़े तो मेरा भी मन हुआ कि मैं भी अपनी सेक्स स्टोरी आप लोगों से शेयर करूँ। वो मेरी पहली नौकरी थी। मेरे बॉस ने जरूरी काम की वजह से मुझे ऑफिस के बाद रुकने को कहा। हम दोनों ऑफिस में अकेले ही थे। एक कामाग्नि में जलती जबरदस्त hot office sex story पढ़िए..
मैंने एम.बी.ए. किया है और मैं 36-28-36 के सेक्सी फिगर की मालकिन हूँ। पढ़ाई के बाद काफी समय तक मुझे जॉब नहीं मिली तो मैंने एक छोटे से ऑफिस में सेक्रेटरी की नौकरी कर ली। ऑफिस में बॉस के अलावा 4 लड़के और थे यानी पूरे ऑफिस में मैं ही अकेली लड़की थी। बॉस की उम्र 28-29 के लगभग होगी, उनकी पर्सनालिटी काफी अच्छी थी और वो शादीशुदा थे। जब मैं इंटरव्यू देने गयी तो उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं पूछा, और मुझे अगले दिन से ही काम पर आने को कहा।
मैंने अगले दिन से ऑफिस ज्वाइन कर लिया, बॉस ने मेरी सीट अपने केबिन में ही लगा दी। कुछ दिनों बॉस के साथ काम करने के बाद मुझे उनका व्यवहार बहुत अच्छा लगा, उनसे दोस्ती जैसी हो गयी। मुझे उनका साथ बहुत अच्छा लगता था, उनकी पर्सनालिटी देख के कई बार सोचा कि क्यूँ न बॉस को पटाया जाये। मगर फिर ये सोच लेती थी कि वो शादीशुदा हैं कहीं बात उलटी न पड़ जाये।
एक दिन शाम को अचानक एक क्लाइंट का जरुरी काम आ गया, बॉस ने मुझसे बोला, ‘ये काम आज ही करना है… बहुत जरुरी है। थोड़ा रुक कर आज ही निपटा देना।’
मैंने कहा, ‘ठीक है सर, कम्प्लीट करके ही जाऊँगी..!’
ऑफिस के बाकी सब लोग जा चुके थे। केबिन में मैं और बॉस बस दो ही लोग थे। तभी बॉस की बीवी का फ़ोन आया। उनकी बीवी ने उनसे कुछ लेके आने के लिए कहा। फ़ोन पर बात करने के बाद बॉस ऑफिस से बाहर चले गए और थोड़ी देर बाद एक अखबार में लिपटा हुआ कोई सामान लेकर लौटे। उन्होंने वो अपनी टेबल पर रख दिया। मैं काम कम्प्लीट कर चुकी थी, और क्लाइंट को फ़ोन करके बता चुकी थी।
उनके आते ही मैं अपनी सीट से उठती हुई उनसे बोली, ‘काम हो गया सर… क्या ले के आये हैं?’
वो थोड़ा सकपकाते हुए बोले, ‘कुछ नहीं…!’
मैं उनकी टेबल पर पहुँच कर पैकेट हाथ लेते हुए बोली, ‘बता नहीं रहे हैं सर… कोई स्पेशल चीज है क्या।’ कहते हुए अखबार में लिपटा हुआ वो पैकेट खोलने लगी। खोलते ही मैं सन्न रह गयी उसमें कंडोम का बड़ा सा पैक था।
बॉस की हालत देखने लायक थी, मैंने फिर भी अनजान बनते हुए कहा, ‘ये क्या है सर??’
वो पैकेट मेरे हाथ से लेते हुए बोले, ‘देख तो लिया तुमने… कंडोम हैं इसमें…! तुम्हारे काम की चीज नहीं है।’
मैंने फिर से मासूमियत से अनजान बनते हुए पूछा, ‘इससे क्या होता… सर?’ मुझे बॉस को परेशान करने में मजा आ रहा था।
उन्होंने मुझे समझाते हुए कहा, ‘इसे पहनकर सेक्स होता है। तुम्हें इतना भी नहीं पता क्या…? टी.वी. पर ऐड नहीं देखती हो?’
मैं कॉलेज में पढ़ी हूँ और अच्छी तरह जानती हूँ कि कंडोम क्या होता है, मगर आज मुझे बॉस को परेशान करने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने और भी मासूमियत से कहा, ‘हाँ ऐड तो देखा है… लेकिन उसमें यह नहीं दिखाते कि इसको कहाँ पहना जाता है। बताइए न सर!!’
आयशा का मखमली जिस्म
उन्होंने मेरी बात सुनकर अपना सर पीट लिया और अपने लंड की ओर इशारा करते हुए बोले, ‘इसको पेनिस पर चढ़ाया जाता है जिससे सेक्स के बाद बच्चा नहीं होता है।’
मैंने जिद करने के अंदाज में कहा, ‘पहन कर दिखाइए न सर…!!’
बॉस समझ चुके थे कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा है… उन्होंने पैंट की ज़िप खोल कर अपना लंड बाहर निकाल लिया और हाथ में लेकर बोले, ‘पहले इसको खड़ा करना पड़ेगा… तभी इस पर कंडोम चढ़ेगा।’
मैंने पूछा, ‘ये खड़ा कैसे होता है?’
तो बॉस बोले, ‘चूसने से… इसको मुँह में लेकर चूसो…!’
मैं बॉस के आगे घुटनों पर बैठ गई और उनका चिकना लंड हाथ में लेकर चूसने लगी। सिकुड़ा होने के बाद भी उनका लंड 5 इंच का था… और ढाई इंच की मोटाई मेरी मुट्ठी में नहीं आ रही थी। मुझे उनका लंड बहुत प्यारा लग रहा था। थोड़ी ही देर में उनके लंड ने विकराल रूप धारण कर लिया, अब वो लम्बा होकर 9 इंच का हो चुका था। इतना लंबा लंड देख कर मैं डर गई थी, आज तक मैंने 6-7 इंच के लंड के बारे में सुना था… मगर ये तो बहुत ही बड़ा था।
मुँह से लंड निकालकर मैं बॉस से बोली, ‘ये तो बहुत बड़ा हो गया है..! अब ये छोटा कैसे होगा?’
बॉस मुस्कुराते हुए बोले, ‘सेक्स के बाद…! सेक्स के बाद ये अपने आप ही छोटा हो जाता है।’
मैंने पूछा, ‘अब आप किसके साथ सेक्स करोगे…?’
तो वो बोले, ‘तुम्ह,
अब तुमने ही जिद करके इसको बड़ा करवाया है। तुम्हें मेरे साथ सेक्स तो करना पड़ेगा।’
अब हम लोग कंडोम को तो भूल गए, सेक्स की प्लानिंग करने लगे थे। मैंने मन ही मन खुश थी कि बॉस बहुत आराम से पट गए… थोड़ी सी नादानी दिखाने से मेरी उनसे चुदने की मुराद पूरी होने वाली थी। मगर उनका भयंकर लंड देख के मुझे डर भी लग रहा था। बॉस मेरे जवाब का इंतज़ार कर रहे थे। मैं उनके सामने खड़ी हो गयी और बोली, ‘ठीक है… करुँगी। दरवाजा बंद कर लीजिये।’
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बॉस ने दरवाजा बंद कर लिया और मुझे केबिन में पड़े सोफे पर लिटा दिया। वो मेरी कमर के दोनों ओर पैर करके बैठ गए और झुक कर मेरी गर्दन और चेहरे पर किस करने लगे। मेरी चूचियाँ सख्त होने लगी थी और जिस्म में झनझनाहट महसूस होने लगी। थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और सफ़ेद रंग की ब्रा में कसे हुए चिकने बूब्स पर किस करने लगे। मैं उनके बाल पकड़ कर उनका चेहरा अपने बूब्स पर रगड़ने लगी।
मुझे अपनी ब्रा में तनाव महसूस हो रहा था चूचियाँ सख्त होने से ब्रा बिलकुल कस गयी थी, उसे उतारने का मन हो रहा था। मैंने बॉस को रुकने का इशारा किया तो वो सोफे से नीचे उतरकर अपने कपड़े उतारने लगे। मैं भी उठकर बैठ गयी और अपना ब्रा का हुक खोलने लगी। ब्रा के उतारते ही मुझे राहत महसूस हुई, मेरे बड़े बड़े गोल बूब्स फडफडाते हुए आजाद हो चुके थे। ब्रा उतारने के बाद मैं फिर से लेट गयी।
मेरे बूब्स देखते ही बॉस उनपर टूट पड़े और गुलाबी निप्पल मुँह में लेकर बच्चे की तरह जोर-जोर से चूसने लगे। मेरे जिस्म में वासना की आग धधक चुकी थी, प्यासी चूत में गीलापन महसूस हो रहा था। उनकी टाँगों के बीच झूलते हुए लंड को मैंने मुट्ठी में भर लिया और उसे खींचने लगी। मेरी हालत देख के बॉस निप्पल चूसना छोड़ के मेरी पैंट का हुक खोलने लगे। हुक खुलने के बाद मैंने कमर उठा दी, उन्होंने पैंट खींच कर मेरे पैरों से अलग कर दी। मैंने अन्दर सफेद रंग की जालीदार पैंटी पहनी थी, जिसमें चूत के सामने कपड़ा लगा था बाकी सभी जगह पर जाली लगी थी।
अब बॉस पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत सहलाने लगे। शायद उन्हें मेरी पैंटी का सेक्सी डिजाइन बहुत पसंद आ रहा था। थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरी पैंटी भी उतार दी, अब मेरा जिस्म पूरी तरह से नंगा हो चुका था। बॉस मेरी छाती के दोनों ओर पैर कर के मेरे ऊपर बैठ गए और झुक कर मेरी जाँघों के बीच में मुँह लगा दिया। उनका लंबा सा लंड ठीक मेरे मुँह के ऊपर लटक रहा था। मैंने उसे दोनों हाथों से पकड़कर अपने मुँह में ले लिया, और बड़े प्यार से लालीपॉप की तरह चूसने लगी। उधर बॉस भी मेरी चूत पर किस कर रहे थे। तभी उन्होंने मेरी चूत की फांकें खोलकर जीभ से चाट लिया। मेरी जिस्म में झुरझुरी सी होने लगी।
मेरी कुआँरी चूत में उनकी जीभ की रगड़ से मेरे तन-बदन में आग गई। मैंने आवेश में अपनी जांघें फैलाकर कमर उचका दी। अब बॉस मेरी खुली हुई कुआँरी चूत पर तेजी से जीभ चलाने लगे, मेरा जिस्म अकड़ रहा था। मैंने उनके लंड को कस के दोनों हाथों से दबा दिया। बॉस बोले, ‘ये क्या कर रही हो…. आयशा, प्यार से पकड़ो इसे।’ मैंने कमर उचकाते हुए कहा, ‘बॉस… इसमें अन्दर खुजली सी हो रही है।’ ये सुनकर वो मेरे ऊपर से उतर कर मेरी जाँघों के बीच आ गए… मैंने भी अपनी टाँगें पूरी खोल दीं जितनी खुल सकतीं थीं।
अब बॉस अपना 9 इंच के लंड का आलू जैसा सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर रगड़ने लगे। सुपाड़े की छुअन से मेरी चूत की आग और दहक उठी। मैं उनका लंड अन्दर लेने के लिए अपनी कमर उचकाने लगी। अब बॉस ने मेरी चूत की फाँकों को उँगलियों से फैलाया और अपना सुपाड़ा छेद पर रख दिया। अब वो हलके हलके दबाब डालने लगे, लेकिन मुझे लंड अन्दर लेने की जल्दी थी इसलिए मैंने अपनी कमर उचका दी। बस फिर क्या था उनका सुपाड़ा मेरी गीली चूत में भक से घुस गया। मेरी बहुत तेज चीख निकल गयी लेकिन वहाँ सुनने वाला कोई नहीं था। भयंकर दर्द हो रहा था… मैं बॉस को पीछे धकेलने लगी। मेरी हालत देख के बॉस बोले, ‘हिलो मत… ऐसे ही पड़ी रहो… थोड़ी देर में दर्द कम हो जायेगा।’ बिलकुल ऐसा ही हुआ पाँच मिनट बाद ही मेरा दर्द गायब हो गया।
अब मैं बॉस के पीछे हाथ लगा कर उन्हें अपनी ओर खींचने लगी। उन्होंने मेरी कमर कस के पकड़ी और एक जोरदार झटका मारा, उनका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ पूरा का पूरा अन्दर समा गया। मेरी फिर से चीख निकल गई और आँखों में आँसू छलक आये। मैं तड़प रही थी मेरे मुँह से निकला, ‘आह…मर गयी… प्लीज निकालो इसे… मार डाला आपने तो मुझे…।’ लेकिन बॉस ने मेरी कमर कस के पकड़ रखी थी मुझे हिलने तक नहीं दिया। उस समय मुझे अपनी चूत में मूसल घुसा हुआ महसूस हो रहा था। पाँच मिनट इसी स्थिति में रहने के बाद बॉस लंड डाले-डाले ही मेरे ऊपर लेट गए। मेरी कोमल चूचियाँ उनके सीने से दब गयीं… वो मेरे होंठ चूसने लगे।
जब थोड़ी देर में मेरा दर्द गायब हो गया तो मैं उनकी नंगी पीठ अपने नाखूनों से नोचने लगी। बॉस ने कमर हिलाकर लंड अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया। जब उनका लंड सरसराता हुआ अन्दर जा रहा था तो मुझे लग रहा था कि जैसे वो मेरी चूत को चौड़ा करता चला जा रहा है। और जब बाहर आ रहा था तो अजीब सा खालीपन महसूस हो रहा था। उस समय मेरा मन कर रहा था कि उनका लंड मेरी चूत के अन्दर ही घुसा रहे, बाहर ही न निकले।
थोड़ी देर तक मेरे ऊपर लेटे-लेटे अन्दर-बाहर करने के बाद वो उठ गए और उन्होंने मेरी टाँगे पीछे की ओर मोड़ दी। मेरे घुटने मेरे बूब्स पर थे और मेरी चूत ऊपर उठ गई। अब उन्होंने मेरी चूत में बहुत तेजी लंड पेलना शुरू कर दिया।
मुझे जबरदस्त मजा आ रहा था जैसे मैं स्वर्ग की सैर कर रही थी। वो फुल स्पीड में मेरी कुआँरी चूत को बजा रहे थे मेरे मुँह से मस्ती में ‘आह… सी….सी… आई लव यू…’ जैसी आवाजें निकल रही थीं। दस मिनट की जोरदार चुदाई ने मेरी नस-नस तोड़ दी थी, अब मैं झड़ने वाली थी, मैंने उनके बाल पकड़ लिए और नोचते हुए चिल्लाने लगी, ‘और तेज… और तेज… और तेज मेरी जान… बहुत अच्छा लग रहा है।’ उनका चेहरा सुर्ख हो चला था अब उन्होंने स्पीड और बढ़ा दी। एक मिनट बाद ही मेरे मुँह से निकला, ‘आह… आह… बस… बस… मेरी जान।’ मेरी चूत ने भलभलाकर पानी छोड़ दिया, मैंने कस के जांघें भींच लें। अब उन्होंने एक आखिरी लंबा झटका लिया, इस बार मुझे लगा कि उनका लंड मेरी चूत के आखिरी छोर तक पहुँच गया है, उन्होंने अपना पानी मेरी चूत में भर दिया।
वो लंड डाले-डाले ही निढाल हो कर मेरे ऊपर ही लुढ़क गए। मैं तो एक ही बार की चुदाई में बेहाल हो चुकी थी, और आँखें बंद किये पड़ी थी। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मेरा पहला सेक्स इतना जबरदस्त होगा, मुझे उनसे से प्यार हो गया। अब मैंने उनका सिर अपने बूब्स पर रख लिया और उनके बालों में उँगलियाँ फिराने लगी। दस मिनट बाद वो मेरे ऊपर से उठे और कपड़े पहनने लगे। पैंट पहनते हुए उन्होंने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘देखो आयशा… अब ये छोटा हो गया… पहले की तरह।’ मैंने कहा, ‘हाँ हो तो गया है… लेकिन इसने मेरी हालत खराब कर दी… एक ही बार में।’ मेरी बात सुन कर वो हँसते हुए बोले, ‘अब तुम ही ने जिद की थी… मैं तो मना ही कर रहा था।’
मैं अभी भी सोफे पर नंगी पड़ी थी, मुझे उन पर बहुत प्यार आ रहा था। मैं उठी और उन्हें कसकर बाहों में भर लिया। वो भी मेरे मुलायम नितम्ब और पीठ सहलाने लगे।
थोड़ी देर बाद वो बोले, ‘कपड़े पहन लो… आज काफी देर हो गयी है… तुम्हारे घर वाले इंतज़ार कर रहे होंगे।’
मैंने कहा, ‘मैं तो अकेली ही रहती हूँ यहाँ… मेरा कौन इंतज़ार करेगा!’
मेरी बात सुनकर कर वो कुछ सोचते हुए बोले, ‘अच्छा… तो फिर किसी दिन तुम्हारे फ्लैट पर आना पड़ेगा।’
मैं कहा, ‘क्यूँ नहीं… मोस्ट वेलकम… जरूर आइये।’
उस दिन हम लोग अपने अपने घर निकल गए। उसके बाद हम लोग काफी खुल गए थे, वो मेरा बहुत ख्याल रखने लगे। कुछ दिन बाद जब बॉस की बीवी मायके गई तो वो मेरे फ्लैट पर आये। उनकी बीवी के लौटने तक हमने हर रात का पूरा मजा लिया। अगले महीने से बॉस ने मेरी सैलरी भी तीन गुनी कर दी। रोज-रोज की चुदाई से मैं पहले ही महीने में प्रेग्नेंट हो गयी थी… बॉस ने मेरा अबोर्सन करवाया, इसके बाद हम लोग कंडोम या आई-पिल का उपयोग करते हैं।
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